# क्यूबा मिसाइल संकट क्या था?-kyooba misail sankat sheet yuddh
पहले यह जानते की कोशिश करते है, क्यूबा कहा है और क्यूबा की भोगोलिक स्थिति को समझने का प्रयास करते है। क्यूबा एक छोटा सा द्वीपीय देश है जो अमेरिका के तट से जुड़ा हुआ है और क्यूबा जैसे छोटे – से द्वीपीय देश का जुडाव सोवियत संघ (जिसे हम आज रूस के नाम से जानते है) से हुआ करता था। सोवियत संघ क्यूबा को कूटनीतिक सलाह और वित्तीय सहायता दिया करता था।
देखते ही देखते सोवियत संघ का क्यूबा पर आना-जाना तेज होने लगा और सोवियत संघ के नेता “निकिता ख्रुश्चेव” ने क्यूबा को सोवियत संघ का सैनिक अड्डे के रूप मे बदलने की कोशिश कर रहा था।
# kyooba misail sankat kee vyaakhya karen-क्यूबा मिसाइल संकट की व्याख्या करें?
1962 मे सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्चेव ने परमाणु मिसाइले तैनात कर दि | इससे अमेरिका की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया था| सोवियत संघ की इस बात का अमेरिका को 3 हफ्ते बाद पता चली थी | अमेरिका राष्ट्रपति “जॉन एफ़ कैनेडी” ने इसका जबाब अमेरिकी जंगी बेड़ों को आगे करके सोवियत संघ जहाजों को रोकने के लिए किया
अब ऐसी स्थिति हो गई थी की सोवियत संघ और अमेरिका के बीच युद्ध होकर ही रहेगा | इसी को हम “क्यूबा मिसाइल संकट” के नाम से जानते है| यह संकट शीत युद्ध का चरम बिन्दु माना जाता है | 1945 मे “अमेरिका”और “सोवियत संघ” के बीच जो शीत युद्ध शुरू हुआ था |
#निष्कर्ष-
अंत मे सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्चेव ने दूरदर्शिता और समझदारी का परिचय दिया। 23 अक्टूबर 1962 को सोवियत संघ ने क्यूबा से परमाणु मिसाइले हटाने का घोषणा कर दि। इस संकट के बाद शीत युद्ध मे शिथिलता आनी शुरू हो गई थी। 1962 के बाद हम बोल सकते है की क्यूबा मिसाइल संकट से युद्ध होकर ही रहेगा परंतु सोवियत संघ के नेता “निकिता ख्रुश्चेव” की समझदारी की वजह से युद्ध की स्थिति होते हुए भी नहीं हुआ। साथ ही 1962 के बाद अमेरिका और सोवियत संघ दोनों के संबंध में होती नरमी भी आ गई थी।
@Roy Akash (pkj)